जिले के रामपुर नैकिन में चंद्रेह ग्राम में 972 ई. में निर्मित प्राचीन शैव मंदिर एवं मठ स्थित हैं। यह मंदिर चेदि शासकों के गुरु प्रबोध शिव, जो मत्त-मयूर नामक प्रसिद्ध शैव संप्रदाय से संबंधित थे, ने साधना व शैव सिद्धांत के प्रचार हेतु स्थापित किया। मंदिर से जुड़ी हुई संरचना बालुका पत्थर से निर्मित एक मठ है जिसमें इसके निर्माण काल से संबंधित दो प्राचीन संस्कृत शिलालेख लगे हैं। इस संप्रदाय द्वारा अनेक मंदिर स्थापित किये गये जिनमें कदवाहा मंदिर, अशोकनगर व सुरवाया मंदिर, शिवपुरी प्रमुख हैं। चंद्रेह शैव मंदिर सोन एवं बनास नदी के संगम के निकट स्थित है व वर्तमान में भारतीय पुरातात्विक सर्वे द्वारा संधारित है। यह मंदिर पर्सिली रिसॉर्ट से लगभग 60 किमी की दूरी पर है।